टेक दिग्गज मेटा ने बुधवार, 10 दिसंबर 2025 को कहा कि ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर लगाए गए सोशल मीडिया प्रतिबंध का नकारात्मक प्रभाव सामने आ रहा है। मेटा का कहना है कि यह कानून युवाओं को ऐसे प्लेटफ़ॉर्म की ओर धकेल रहा है जो कम नियंत्रित हैं और जहां सुरक्षा मानक बेहद कमजोर हैं।
कंपनी ने बयान में कहा, “हमने लगातार चेतावनी दी थी कि यह कमजोर रूप से तैयार किया गया कानून किशोरों को कम नियंत्रित प्लेटफ़ॉर्म या ऐप्स की ओर ले जा सकता है। अब वही आशंका सच साबित हो रही है।”
ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया प्रतिबंध से बाहर रखे गए कुछ कम लोकप्रिय चैट और इमेज शेयरिंग ऐप—जैसे Lemon8 और Yope—अचानक डाउनलोड चार्ट में शीर्ष पर पहुंच गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह दर्शाता है कि प्रतिबंधित ऐप्स की जगह किशोर अब ऐसे विकल्पों का उपयोग कर रहे हैं जिन पर नियमन बेहद सीमित है।
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मेटा ने कहा कि कई वैकल्पिक ऐप्स में वे सुरक्षा सुविधाएं नहीं हैं, जो उसने वर्षों में विकसित की हैं—जैसे विशेष रूप से बनाए गए ‘टीन अकाउंट्स’, पैरेंटल कंट्रोल और उन्नत सुरक्षा फ़िल्टर। कंपनी के अनुसार, इन ऐप्स की ओर शिफ्ट होने से बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
मेटा ने यह भी स्पष्ट किया कि वह कानून का पालन करेगी, लेकिन उसकी चिंता बनी हुई है कि यह कदम किशोरों को सुरक्षित रखने के बजाय उन्हें अधिक जोखिम वाले वातावरण में धकेल देगा।
विश्लेषकों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में लागू यह प्रतिबंध डिजिटल सुरक्षा पर वैश्विक बहस छेड़ चुका है। समर्थकों का तर्क है कि बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखना जरूरी है, वहीं आलोचक कहते हैं कि इससे वे अनियंत्रित और अप्रमाणित ऐप्स के संपर्क में अधिक आ सकते हैं।
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