माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी दी है कि रूस और चीन जैसे देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग बढ़ाकर अमेरिका पर साइबर हमलों को तीव्र बना रहे हैं। कंपनी के अनुसार, यह तकनीक ऑनलाइन झूठा और भ्रामक कंटेंट बनाने के लिए भी इस्तेमाल हो रही है, जिससे सूचना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में गंभीर चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि इस जुलाई में उन्होंने 200 से अधिक ऐसे मामलों की पहचान की, जिसमें विदेशी प्रतिद्वंदियों ने AI का इस्तेमाल करके नकली सामग्री तैयार की। यह संख्या जुलाई 2024 की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है। इन डिजिटल हमलों में सोशल मीडिया पोस्ट, ईमेल, वेबसाइट सामग्री और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर गलत जानकारी फैलाने का काम शामिल है।
कंपनी ने कहा कि AI-संचालित साइबर हमले अधिक परिष्कृत और प्रभावशाली हो रहे हैं, जिससे अमेरिका में डिजिटल सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि AI के माध्यम से उत्पन्न नकली जानकारी न केवल आम जनता को भ्रमित करती है, बल्कि राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता पर भी असर डाल सकती है।
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माइक्रोसॉफ्ट ने सरकारों, सुरक्षा एजेंसियों और निजी कंपनियों से मिलकर AI-संचालित साइबर खतरों से निपटने की रणनीति अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने जोर दिया कि तकनीक का जिम्मेदार उपयोग और साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना जरूरी है, ताकि डिजिटल दुनिया में भरोसेमंद वातावरण बनाए रखा जा सके।
इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि वैश्विक स्तर पर साइबर सुरक्षा और AI का संयोजन अब एक नई चुनौती बन गया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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