एआई आधारित म्यूज़िक कंपनी Suno ने बुधवार को घोषणा की कि उसे 250 मिलियन डॉलर की नई फंडिंग प्राप्त हुई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व मेनलो वेंचर्स ने किया, जिससे कंपनी का मूल्यांकन 2.45 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। मैसाचुसेट्स स्थित यह कंपनी एआई प्रॉम्प्ट के जरिए गाने तैयार करने की सुविधा देती है, लेकिन हाल के महीनों में यह कई बड़ी रिकॉर्ड कंपनियों जैसे वॉर्नर म्यूज़िक ग्रुप, यूनिवर्सल म्यूज़िक ग्रुप और सोनी म्यूज़िक ग्रुप के साथ कॉपीराइट विवादों में फंसी रही है।
Suno के सी-सीरीज़ फंडिंग राउंड में Nvidia की वीसी शाखा NVentures, Hallwood Media, Lightspeed और Matrix Partners ने भी भाग लिया।
एआई के जरिए बनाए गए गानों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है—इतनी कि कई बार इन्हें असली मानव-निर्मित संगीत से अलग पहचानना मुश्किल हो जाता है। इसी वर्ष एआई आधारित वर्चुअल बैंड The Velvet Sundown ने स्पॉटिफाई पर एक मिलियन से अधिक मासिक श्रोताओं को आकर्षित किया, जिसने इस नए रुझान की ओर वैश्विक ध्यान खींचा।
यह बढ़ती लोकप्रियता संगीत उद्योग में राजस्व वितरण, कलाकारों को मिलने वाले भुगतान, और कॉपीराइट से जुड़े नैतिक सवालों को भी जन्म दे रही है।
Suno के सह-संस्थापक एवं सीईओ मिक्की शुलमैन के अनुसार, केवल दो वर्षों में लाखों लोगों—पहली बार संगीत बनाने वाले क्रिएटर्स से लेकर पेशेवर सॉन्गराइटर्स तक—ने Suno का उपयोग कर अपने विचारों को गीतों में बदला है।
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एआई टूल्स के तेजी से बढ़ते उपयोग ने निवेशकों का ध्यान उन स्टार्टअप्स की ओर मोड़ दिया है, जो नई कंटेंट-जनरेशन तकनीकें और राजस्व स्रोत बना सकती हैं।
पिछले महीने यूनिवर्सल म्यूज़िक ग्रुप ने Udio नामक एक अन्य एआई म्यूज़िक कंपनी के साथ कॉपीराइट विवाद का निपटारा किया। दोनों कंपनियां 2026 में एक एआई-संचालित म्यूज़िक प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च करने की योजना पर काम कर रही हैं, जो लाइसेंस्ड संगीत का इस्तेमाल कर ट्रेन किया जाएगा।
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