भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसमें प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 1% तक की गिरावट दर्ज की गई।
बीएसई सेंसेक्स 572.07 अंक यानी 0.70% गिरकर 80,891.02 पर बंद हुआ। इसी तरह, एनएसई निफ्टी 156.10 अंक यानी 0.63% गिरकर 24,680.90 पर आ गया। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट मुख्य रूप से विदेशी निवेशकों की बिकवाली, वैश्विक बाजारों में नकारात्मक रुख और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी के कारण आई है।
विश्लेषकों के अनुसार, निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी मौद्रिक नीति बैठक और वैश्विक आर्थिक मंदी के संकेतों को लेकर सतर्क दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा, आईटी, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई।
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मार्केट ब्रेड्थ कमजोर रही क्योंकि गिरने वाले शेयरों की संख्या बढ़ने वाले शेयरों से कहीं अधिक रही। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, खासकर अगर वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां और खराब होती हैं।
बाजार विश्लेषकों ने यह भी बताया कि घरेलू निवेशकों का रुख भी सतर्क है क्योंकि वे विदेशी बाजारों से आने वाले संकेतों का इंतजार कर रहे हैं। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे इस गिरावट के दौरान जोखिम प्रबंधन पर ध्यान दें और लंबी अवधि की निवेश रणनीति बनाए रखें।
कुल मिलाकर, बाजार में यह गिरावट निवेशकों के बीच अनिश्चितता और वैश्विक वित्तीय परिस्थितियों में बदलाव को दर्शाती है, जो निकट भविष्य में भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित कर सकती है।
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