हाल ही में अभिनेत्री तेजस्वी प्रकाश ने एक विशेष महाराष्ट्रीयन भोजन बनाते समय बताया कि वह केवल गुलाबी नमक का ही उपयोग करती हैं। उन्होंने कहा, "मैं गुलाबी नमक डाल रही हूं क्योंकि हमारे घर में हम सिर्फ गुलाबी नमक ही इस्तेमाल करते हैं, सामान्य नमक नहीं।"
उनकी इस बात को ध्यान में रखते हुए Curly Tales के लिए उन्होंने जो खुलासा किया, उसके बाद हमने विशेषज्ञ श्री खुशबू जैन टिबरेवाला से जाना कि क्या केवल गुलाबी नमक का सेवन उचित है।
गुलाबी नमक बनाम सफेद नमक
गुलाबी नमक, जिसे आमतौर पर हिमालयन नमक कहा जाता है, एक प्रकार का खनिज नमक है जो प्राचीन समुद्री तलछट से विशेष रूप से पाकिस्तान के खेवड़ा क्षेत्र में खनन किया जाता है। इसका गुलाबी रंग इसमें मौजूद सूक्ष्म खनिज जैसे लोहा, मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम की उपस्थिति के कारण होता है। इन खनिजों की वजह से इसका स्वाद थोड़ा मिट्टी जैसा और हल्का होता है, जो स्वास्थ्य जागरूक लोगों को पसंद आता है।
इसकी लोकप्रियता कम प्रसंस्कृत होने, खनिजों की अधिकता और रासायनिक मुक्त होने के दावों पर आधारित है। श्री खुशबू जैन टिबरेवाला, जो एक पोषण विशेषज्ञ एवं मधुमेह और सूजन रोग विशेषज्ञ हैं, ने बताया, "सामान्य सफेद नमक में एंटी-कैकिंग एजेंट्स जैसे योजक होते हैं जो लंबे समय में हानिकारक हो सकते हैं। जबकि गुलाबी नमक ज्यादातर पत्थर के रूप में बेचा जाता है, इसलिए उसमें योजक की आवश्यकता नहीं पड़ती।"
हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इनमें मौजूद खनिजों की मात्रा इतनी कम होती है कि उसका स्वास्थ्य पर विशेष असर नहीं होता। "गुलाबी नमक उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए भी लाभकारी नहीं है क्योंकि इसमें सोडियम की मात्रा भी लगभग समान होती है। लोग इसे डिटॉक्स और पाचन में सहायक समझते हैं, लेकिन यह गलत धारणा है। गुलाबी नमक को अक्सर काला नमक समझ लिया जाता है जिसमें हाइड्रोजन सल्फाइड होता है, लेकिन गुलाबी नमक में ऐसा कुछ नहीं होता," उन्होंने जोर देकर कहा।
आयोडीन की कमी का खतरा
गुलाबी नमक आयोडीन युक्त नहीं होता, इसलिए इसका लगातार प्रयोग जोखिमपूर्ण हो सकता है। टिबरेवाला ने बताया, "भारत की मिट्टी और पानी में आयोडीन की मात्रा कम होती है, जिससे ग्वायटर जैसी बीमारियों का खतरा होता है। इसी कारण आयोडाइज्ड नमक शुरू किया गया था।"
उनके अनुसार, केवल गुलाबी नमक का लंबे समय तक प्रयोग आयोडीन की कमी का कारण बन सकता है, जिससे हाइपोथायरॉइडिज्म, गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं, बाल झड़ना, शुष्क त्वचा, ऊर्जा की कमी और ग्वायटर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
क्या करना चाहिए?
टिबरेवाला की सलाह है कि घर में 3-4 प्रकार के नमक रखें—दैनिक उपयोग के लिए आयोडीन युक्त सफेद नमक, स्वाद व बनावट के लिए गुलाबी नमक, पाचन हेतु काला नमक, और व्रत या आयुर्वेदिक जरूरतों के लिए सेंधा नमक। "हर नमक का अपना स्थान है, लेकिन किसी भी नमक का अत्यधिक या अकेले सेवन नहीं करना चाहिए।"
(किसी भी डाइट या दिनचर्या को अपनाने से पहले अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।)