भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है, ने रूसी कच्चे तेल की खरीद अस्थायी रूप से रोक दी है। सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय हालिया अंतरराष्ट्रीय बाजार की अस्थिरता और भुगतान संबंधी चुनौतियों के कारण लिया गया है।
भारत रूस से समुद्री मार्ग से सबसे अधिक तेल खरीदने वाला देश है। यूक्रेन युद्ध के चौथे वर्ष में प्रवेश करने के साथ ही रूसी तेल निर्यात पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंध और मूल्य सीमा (price cap) जैसी नीतियां लागू हैं। इन प्रतिबंधों के बावजूद, भारत ने हाल के वर्षों में रियायती कीमतों पर रूसी कच्चे तेल का आयात बढ़ाया था, जिससे रूस के लिए यह राजस्व का महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है।
सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में भारतीय रिफाइनरियां भुगतान निपटान, बीमा और शिपिंग प्रतिबंधों से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रही हैं। इसके अलावा, डॉलर में भुगतान की कठिनाइयों और नए नियमों ने भी आयात को प्रभावित किया है। कुछ कंपनियों का कहना है कि स्थिति स्पष्ट होने तक नए ऑर्डर फिलहाल रोक दिए गए हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अस्थायी हो सकता है और परिस्थितियां सुधरने पर भारतीय कंपनियां फिर से रूसी तेल की खरीद शुरू कर सकती हैं। हालांकि, इस रुकावट से रूस के तेल राजस्व पर असर पड़ सकता है, क्योंकि भारत उसका सबसे बड़ा समुद्री खरीदार है।
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