थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद ने गुरुवार को सशस्त्र संघर्ष का रूप ले लिया। दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे पर गोलीबारी शुरू करने का आरोप लगाया है। यह झड़प उस क्षेत्र में हुई जो ता मोअन थोम मंदिर के निकट स्थित है और दोनों देशों द्वारा विवादित बताया गया है।
थाई सैन्य प्रवक्ता के अनुसार, कंबोडियाई सैनिकों ने तड़के एक ड्रोन की निगरानी के बाद भारी हथियारों के साथ हमला किया। थाई सेना का दावा है कि पहले फायरिंग कंबोडिया की ओर से की गई थी। वहीं, कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि थाई सैनिकों ने पहले अकारण घुसपैठ की, और कंबोडिया की सेना ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की।
कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान पीएम हुन मानेट के पिता हुन सेन ने फेसबुक पोस्ट में बताया कि थाई गोलाबारी से कंबोडिया के दो प्रांत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने शांति की अपील करते हुए लोगों से सेना और सरकार पर विश्वास बनाए रखने को कहा।
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इस संघर्ष से एक दिन पहले थाईलैंड ने अपने राजदूत को कंबोडिया से वापस बुला लिया था और कंबोडियाई दूत को भी निष्कासित करने की घोषणा की थी। यह कार्रवाई उस घटना के बाद की गई जब थाई सेना का एक जवान बारूदी सुरंग की चपेट में आकर घायल हो गया।
थाई सेना का आरोप है कि ये सुरंग हाल ही में बिछाई गई हैं, जबकि कंबोडिया इसे निराधार बता रहा है। उल्लेखनीय है कि कंबोडिया में दशकों पुराने गृहयुद्ध की वजह से लाखों बारूदी सुरंगें अभी भी मौजूद हैं।
थाई सरकार ने अपनी दूसरी सेना की सीमा के अंतर्गत सभी चेकपोस्ट बंद करने का आदेश जारी किया है। साथ ही, पर्यटकों के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
मई से ही दोनों देशों के रिश्तों में गिरावट देखी जा रही है, जब एक कंबोडियाई सैनिक एक संघर्ष में मारा गया था। इस बीच, थाई प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा को 1 जुलाई को नैतिक आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।
कंबोडिया ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए थाईलैंड की फिल्मों, टीवी शो, फल-सब्जियों और ईंधन के आयात पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही इंटरनेट लिंक और बिजली आपूर्ति का बहिष्कार भी किया गया है।
थाई सेना ने बताया कि बुधवार को उबोन रत्चथानी प्रांत में पांच सैनिक एक बारूदी सुरंग की चपेट में आए, जिसमें एक जवान ने अपना पैर खो दिया। कंबोडिया ने दावा किया कि यह विस्फोट उसके प्रीह विहेयर प्रांत में हुआ।
एक हफ्ते पहले भी एक अन्य क्षेत्र में सुरंग विस्फोट में तीन थाई सैनिक घायल हो गए थे। थाई अधिकारियों का कहना है कि ये सुरंगें आपसी सहमति से सुरक्षित माने गए रास्तों पर हाल ही में बिछाई गई हैं और ये रूसी तकनीक की हैं, जिन्हें थाई सेना प्रयोग नहीं करती। कंबोडिया ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
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