अरुणाचल प्रदेश में हुए नगर निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली-जुली सफलता मिली है। शनिवार (20 दिसंबर 2025) को घोषित नतीजों के अनुसार, भाजपा ने राजधानी ईटानगर में नगर निकाय चुनाव जीत लिया, लेकिन राज्य के सबसे पुराने शहरी केंद्र पासीघाट में उसे झटका लगा है।
ईटानगर नगर निगम (आईएमसी) की कुल 20 वार्डों में से 16 वार्डों के लिए 15 दिसंबर को मतदान हुआ था। इन चुनावों में भाजपा ने चार वार्ड बिना किसी मुकाबले के जीत लिए। इसका मतलब यह है कि इन सीटों पर विपक्ष की ओर से कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतरा था। बाकी वार्डों में हुए मुकाबलों के बाद भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया, जिससे पार्टी ने राजधानी के नगर निगम पर अपना नियंत्रण बरकरार रखा।
वहीं दूसरी ओर, पासीघाट नगर निगम में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। पासीघाट, जो अरुणाचल प्रदेश का सबसे पुराना शहरी क्षेत्र माना जाता है, वहां हुए चुनावों में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। पासीघाट नगर निगम की आठ वार्डों में 15 दिसंबर को मतदान हुआ था, जहां स्थानीय मुद्दों और क्षेत्रीय समीकरणों का असर चुनाव परिणामों पर साफ तौर पर देखने को मिला।
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इन नगर निकाय चुनावों के साथ ही राज्य के अधिकांश 245 जिला परिषद (जिला परिषद/जिला परिषद सदस्य) क्षेत्रों के लिए भी मतदान कराया गया था। इन चुनावों को आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले राजनीतिक दलों के लिए एक अहम संकेतक के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ईटानगर में जीत भाजपा के लिए उत्साहजनक है, क्योंकि राजधानी में प्रशासनिक और राजनीतिक पकड़ मजबूत होना पार्टी के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। हालांकि, पासीघाट में मिली हार यह भी दर्शाती है कि शहरी क्षेत्रों में स्थानीय मुद्दे और मतदाताओं की अपेक्षाएं अलग-अलग हो सकती हैं।
कुल मिलाकर, अरुणाचल प्रदेश के नगर निकाय चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन संतुलित रहा—कुछ क्षेत्रों में मजबूती तो कुछ में चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
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