चीन ने बुधवार (29 अक्टूबर 2025) को ताइवान के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि वह “बल प्रयोग से बिल्कुल भी इनकार नहीं करेगा।” यह बयान चीन के सरकारी प्रवक्ता पेंग छिंगएन ने बीजिंग में एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया।
उन्होंने कहा कि “एक देश, दो प्रणाली” के तहत शांतिपूर्ण पुनर्मिलन चीन का मूल दृष्टिकोण है, लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो सभी आवश्यक कदम उठाने का अधिकार चीन अपने पास रखेगा। उन्होंने जोड़ा, “हम शांतिपूर्ण समाधान के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास करेंगे, लेकिन बल प्रयोग से इनकार नहीं करेंगे।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब चीनी सरकारी मीडिया ने हाल के दिनों में अपेक्षाकृत नरम स्वर में ताइवान को “देशभक्तों द्वारा शासित” करने की बात कही थी। हालांकि, ताइवान की सरकार और वहां के प्रमुख राजनीतिक दलों ने “एक देश, दो प्रणाली” के मॉडल को पूरी तरह से अस्वीकार किया है।
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ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक त्साई मिंग-येन ने कहा कि चीन ताइवान को “हांगकांग और मकाऊ जैसा” बनाना चाहता है, लेकिन यह मॉडल ताइवान को स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजिंग का लक्ष्य ताइवान की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को कमजोर करना और उसकी संप्रभुता को खत्म करना है।
इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले यह बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ताइवान पर बातचीत होगी या नहीं।
चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में संचालित करता है।
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