कोलंबिया और इसराइल के बीच तनाव नए स्तर पर पहुंच गया है। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने घोषणा की है कि गाज़ा फ्लोटिला अवरोधन के मामले में इसराइल की संपूर्ण राजनयिक टीम को देश से निष्कासित किया जाएगा। राष्ट्रपति पेट्रो ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा किया गया यह कदम “एक नया अंतरराष्ट्रीय अपराध” है।
राष्ट्रपति पेट्रो लंबे समय से फिलिस्तीन के मुद्दे पर मुखर रहे हैं। उन्होंने इसराइल की कार्रवाइयों की आलोचना करते हुए कहा कि गाज़ा में की गई सैन्य कार्रवाई मानवता और अंतरराष्ट्रीय कानून के विरुद्ध है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोलंबिया फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता दिखाता रहेगा और न्याय की लड़ाई में उनका समर्थन करेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम कोलंबिया-इसराइल संबंधों में गहरा प्रभाव डाल सकता है। दोनों देशों के बीच रक्षा और व्यापारिक समझौते रहे हैं, लेकिन हाल के महीनों में गाज़ा संघर्ष को लेकर विवाद बढ़ गया है। इस निर्णय से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में खटास और गहरी हो सकती है।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोलंबिया का यह रुख कई देशों के लिए एक संकेत है कि गाज़ा मामले पर वैश्विक राजनीति किस दिशा में बदल सकती है। जहां पश्चिमी देशों का बड़ा वर्ग इसराइल के साथ खड़ा है, वहीं कुछ लैटिन अमेरिकी देश फिलिस्तीन का खुलकर समर्थन कर रहे हैं।
राष्ट्रपति पेट्रो के इस फैसले से लैटिन अमेरिकी राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है, और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या अन्य देश भी इसी राह पर चलते हैं।
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