सी.पी. राधाकृष्णन को एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। उनकी उम्मीदवारी को न केवल दक्षिण भारत की राजनीति में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर लंबा और प्रभावशाली रहा है। तमिलनाडु से आने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता राधाकृष्णन दो बार कोयंबटूर से सांसद रह चुके हैं। वे अपने सौम्य स्वभाव, जनसंपर्क और संगठनात्मक क्षमता के लिए जाने जाते हैं। भाजपा में उनके योगदान और तमिलनाडु में पार्टी की पकड़ मजबूत करने में उनकी भूमिका को हमेशा सराहा गया है।
विश्लेषकों का मानना है कि उनके नामांकन का सीधा संदेश दक्षिण भारत में भाजपा की राजनीतिक रणनीति से जुड़ा हुआ है। पार्टी चाहती है कि उच्च constitutional पदों पर ऐसे नेताओं को स्थान मिले जो क्षेत्रीय संतुलन और राष्ट्रीय राजनीति के बीच सेतु का काम कर सकें।
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इस चर्चा में यह भी सामने आया कि राधाकृष्णन का नामांकन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक नैतिकता और सर्वसम्मति की राजनीति को आगे बढ़ाने का संकेत है। वे तमिलनाडु के विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक वर्गों में सम्मानित व्यक्तित्व माने जाते हैं।
एनडीए के इस कदम से यह भी स्पष्ट होता है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए केवल राजनीतिक समीकरण नहीं, बल्कि व्यक्तिगत छवि और स्वीकार्यता भी अहम है। यदि वे निर्वाचित होते हैं तो संसद के उच्च सदन के संचालन में उनका अनुभव और संयम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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