अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले सप्ताह एशिया के पांच दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं, जहां वे मलेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा करेंगे। यह जनवरी में दोबारा राष्ट्रपति पद संभालने के बाद उनका पहला और सबसे लंबा विदेशी दौरा होगा। ट्रंप का उद्देश्य चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से संभावित व्यापार समझौता करना और एशिया में अपने कूटनीतिक प्रभाव को बढ़ाना है।
यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव अपने चरम पर है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के निर्यात पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं और दुर्लभ खनिजों व तकनीकी वस्तुओं के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। व्हाइट हाउस ने बताया कि यह यात्रा 24 अक्टूबर 2025 से शुरू होगी।
सूत्रों के अनुसार, ट्रंप और शी की मुलाकात से किसी बड़े समझौते की उम्मीद नहीं है, बल्कि दोनों देश मतभेदों को सीमित करने पर ध्यान देंगे। संभावित अस्थायी समझौते में चीन द्वारा अमेरिकी सोयाबीन और बोइंग विमानों की खरीद, और अमेरिका द्वारा उच्च तकनीकी चिप्स के निर्यात में ढील शामिल हो सकती है।
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ट्रंप का पहला पड़ाव मलेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन होगा, जहां वे थाईलैंड-कंबोडिया संघर्षविराम समझौते को अंतिम रूप देने में भूमिका निभा सकते हैं। इसके बाद वे जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची से मिलेंगे और फिर दक्षिण कोरिया में शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे।
ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि चीन से समझौता नहीं हुआ, तो 1 नवंबर से चीनी आयातों पर टैरिफ 155% तक बढ़ा दिए जाएंगे, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध और भड़क सकता है।
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