अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अपने रुख में बड़ा बदलाव किया है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने दावा किया था कि वे राष्ट्रपति बनते ही 24 घंटे में युद्ध समाप्त कर देंगे। लेकिन अब उन्होंने रूस पर “कड़े टैरिफ” लगाने और यूक्रेन को अधिक हथियार भेजने का ऐलान किया है, यदि 50 दिनों में युद्ध समाप्त नहीं हुआ तो। यह बदलाव जमीनी हकीकतों और अंतरराष्ट्रीय दबाव को दर्शाता है।
2014 से अब तक यूक्रेन अपने 20% से अधिक क्षेत्र, जिसमें अज़ोव सागर का तटवर्ती इलाका भी शामिल है, रूस को खो चुका है। ट्रंप प्रशासन के दबाव में यूक्रेन ने वर्तमान मोर्चे के आधार पर संघर्षविराम पर सहमति दी। शुरुआत में रूस ने ट्रंप की शांति पहल को गंभीरता से लिया और ब्लैक सी में नौसैनिक संघर्षविराम घोषित किया, साथ ही यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमले 30 दिनों के लिए रोके।
2 जून को इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता भी हुई, भले ही यूक्रेन ने रूस के भीतर गहराई तक ड्रोन हमले किए थे। लेकिन ईरान पर अमेरिका और इज़राइल के संयुक्त हमले के बाद, रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए और ड्नीप्रोपेत्रोव्स्क क्षेत्र में सैनिक भेजे।
हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर बातचीत में रूसी राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया कि वे अपने लक्ष्यों से पीछे नहीं हटेंगे। ट्रंप अब ऐसे दोराहे पर हैं जहां उन्हें एक जिद्दी रूस और सहयोगी देशों के दबाव के बीच संतुलन साधना है, जिससे उनके रुख में यह स्पष्ट बदलाव देखा जा रहा है।