फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैंटिस ने राज्य के विश्वविद्यालयों में विदेशी नागरिकों को H-1B वर्क वीज़ा पर नियुक्त करने की प्रथा समाप्त करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालयों को अमेरिकी नागरिकों को प्राथमिकता देनी होगी।
डीसैंटिस ने बुधवार (29 अक्टूबर, 2025) को कहा, “देशभर के विश्वविद्यालय योग्य और उपलब्ध अमेरिकी नागरिकों को नियुक्त करने के बजाय विदेशी कर्मचारियों को H-1B वीज़ा पर नियुक्त कर रहे हैं। हम फ्लोरिडा की संस्थाओं में H-1B दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसी कारण मैंने फ्लोरिडा बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को यह प्रथा समाप्त करने का निर्देश दिया है।”
उन्होंने कहा कि फ्लोरिडा उच्च शिक्षा में अग्रणी राज्य है, जहां हर साल हजारों योग्य अमेरिकी छात्र स्नातक होते हैं। “यदि किसी विश्वविद्यालय को अमेरिकी नागरिकों की कमी महसूस हो रही है, तो उन्हें अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों की समीक्षा करनी चाहिए ताकि वे ऐसे स्नातक तैयार कर सकें जो इन पदों के लिए योग्य हों,”।
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गवर्नर ने यह भी घोषणा की कि फ्लोरिडा डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने संघीय DOGE, राज्य विश्वविद्यालय प्रणाली और अन्य संस्थागत भागीदारों के साथ मिलकर विविधता, समानता और समावेशन (DEI) से संबंधित 3.3 करोड़ डॉलर से अधिक की अनुदान राशि को रद्द या पुनर्नियोजित किया है।
गवर्नर कार्यालय के अनुसार, यह कदम सुनिश्चित करेगा कि करदाताओं के पैसे से चलने वाले संस्थान अमेरिकी कार्यबल की सेवा करें, न कि सस्ते विदेशी श्रमिकों को आयात करने के लिए इस्तेमाल हों।
डीसैंटिस ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कई पद—जैसे कंप्यूटर एप्लिकेशन कोऑर्डिनेटर, असिस्टेंट प्रोफेसर और सार्वजनिक नीति शिक्षक—चीन और स्पेन जैसे देशों के कर्मचारियों से भरे गए हैं। उन्होंने कहा, “जब अमेज़न और यूपीएस जैसी कंपनियां छंटनी कर रही हैं, तो हमें सुनिश्चित करना होगा कि फ्लोरिडा के नागरिकों को पहले रोजगार मिले।”
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