फ्रांस के कई शहरों में नशीली दवाओं से जुड़ी बढ़ती हिंसा के चलते नाबालिगों पर रात्रि कर्फ्यू लागू किया गया है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यह सुरक्षा संकट कमजोर और कमज़ोर युवाओं को तेजी से निशाना बना रहा है।
निम (Nîmes) शहर नवीनतम उदाहरण है, जहां 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए रात 9:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है। यह फैसला दिनदहाड़े हुई गोलीबारी और 19 वर्षीय युवक की जली हुई लाश मिलने के बाद लिया गया है।
शहर के मेयर जीन-पॉल फॉर्नियर ने स्थिति को "असहनीय" बताया और ड्रग तस्करों पर "डर और आतंक का माहौल" बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि minors को हिंसा से बचाने और कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए अतिरिक्त पुलिस तैनात की जाएगी।
बेज़िएर्स (Beziers) शहर में पिछले साल से कर्फ्यू लागू है, जो पहले 13 साल से कम और अब कुछ इलाकों में 15 साल से कम उम्र के बच्चों पर लागू किया गया है। मेयर रॉबर्ट मेनार्ड ने कहा, "कोई 10 साल का बच्चा रात 2 बजे सड़कों पर केवल शरारत ही करेगा।"
लिमोज (Limoges) शहर में 13 साल से कम उम्र के बच्चों पर गर्मियों में कर्फ्यू लागू है, लेकिन मेयर ने इसे "अप्रभावी" बताया है।
फ्रांस के गृह मंत्रालय के अनुसार, 2024 में अब तक नशीली दवाओं से जुड़ी हिंसा में 110 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक घायल हुए हैं। गृह मंत्री गेराल्ड डार्मानिन और न्याय मंत्री ब्रूनो रेटायो ने इस पर राष्ट्रीय स्तर पर सख्ती की है, जिसमें दो उच्च सुरक्षा जेलों का निर्माण, नारकोटिक्स पर विशेष अभियोजन शाखा और जांचकर्ताओं को अतिरिक्त अधिकार शामिल हैं।