रूस में किशोरों की एक पूरी पीढ़ी को यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन के डिज़ाइन और परीक्षण के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह खुलासा निर्वासित रूसी मीडिया संस्थान The Insider की एक गहन जांच में हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रक्रिया मासूम दिखने वाले वीडियो गेम्स जैसे Berloga से शुरू होती है, जिसमें "बुद्धिमान भालू" ड्रोन की मदद से मधुमक्खियों से लड़ते हैं। इस गेम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को शैक्षणिक पुरस्कार दिए जाते हैं और फिर उन्हें Big Challenges जैसे प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलता है, जहाँ रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियाँ प्रतिभावान युवाओं को भर्ती करती हैं।
एक किशोर ने बताया, "हम ड्रोन के विभिन्न हिस्सों का मॉडलिंग कार्य करते हैं। मैं कम से कम कई लोगों को जानता हूँ जो बड़ी कंपनियों के लिए UAV के पुर्जे तैयार कर रहे हैं।"
और पढ़ें: बिहार में 21 लाख से अधिक गणना फॉर्म अभी भी लंबित: निर्वाचन आयोग
इन कार्यक्रमों को शैक्षणिक अवसर के रूप में प्रचारित किया जाता है, लेकिन छात्रों ने The Insider को बताया कि उन्हें अपने काम के सैन्य उद्देश्यों के बारे में चुप रहने के लिए कहा गया।
एक छात्र ने कहा, "हमें कहने से मना किया गया था कि यह युद्ध के लिए जरूरी है। हम नागरिक उपयोग के बहाने तैयार करते थे। एक स्कूली प्रोजेक्ट को हमेशा दोहरे उद्देश्य के साथ पेश करना होता है – यह एक अलिखित नियम है।"
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि कुछ किशोरों को सीधे ड्रोन निर्माण फैक्ट्रियों में भर्ती किया जा रहा है। 14-15 वर्षीय छात्रों को संबद्ध कॉलेजों में ड्रोन निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाता है और बाद में वे वहीं काम पर लगा दिए जाते हैं।
यह सब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें घरेलू स्तर पर ड्रोन उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। मॉस्को और कीव के बीच आकाश में चल रही ड्रोन जंग में शॉर्ट-रेंज FPV ड्रोन और लॉन्ग-रेंज ‘कामिकाज़े’ UAVs की भूमिका अहम होती जा रही है।
और पढ़ें: सरकारी आंकड़ों से खुलासा: केवल पांच में से एक शहर ने ही एनसीएपी लक्ष्यों को हासिल किया