पूर्व अमेरिकी कांग्रेस सदस्य टुलसी गैबार्ड द्वारा लगाए गए डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ साजिश के दावों को हाल ही में वर्गीकृत दस्तावेज़ों के सार्वजनिक होने के बाद समर्थन नहीं मिला है। गैबार्ड ने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा था कि ट्रंप के खिलाफ सरकारी एजेंसियों द्वारा एक संगठित साजिश रची गई थी, जिससे उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाया जा सके।
हालांकि, अमेरिकी प्रशासन द्वारा हाल में सार्वजनिक किए गए दस्तावेज़ों से यह स्पष्ट होता है कि ऐसे किसी संगठित षड्यंत्र के प्रमाण नहीं मिले हैं। इन दस्तावेज़ों में एफबीआई, सीआईए और अन्य खुफिया एजेंसियों की गतिविधियों और उनके निर्णयों का विवरण शामिल है, जिसमें कोई भी ऐसा संकेत नहीं मिला कि उन्होंने जानबूझकर ट्रंप को निशाना बनाया हो।
विशेषज्ञों का मानना है कि गैबार्ड के आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित हो सकते हैं और इसके पीछे किसी ठोस सबूत की कमी है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और तथ्यों के आधार पर सार्वजनिक बहस होना जरूरी है, लेकिन असत्यापित दावों से राजनीतिक माहौल और अधिक ध्रुवीकृत हो सकता है।
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गैबार्ड, जो पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य थीं और बाद में पार्टी से अलग हो गईं, अक्सर सरकार और उसकी संस्थाओं की आलोचना करती रही हैं। उनके हालिया आरोपों ने फिर से अमेरिकी राजनीतिक माहौल में बहस को जन्म दिया है, लेकिन जांच रिपोर्ट और दस्तावेज़ उनके दावों को सही नहीं ठहराते।
इस घटनाक्रम ने साजिश के दावों बनाम प्रमाणिक दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर एक बार फिर सवाल उठाया है।
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