कोलंबिया के प्रतिष्ठित साहित्यिक आयोजन हे फेस्टिवल कार्टाजेना में इस बार साहित्य से ज्यादा राजनीति चर्चा का विषय बन गई है। वेनेजुएला की विपक्षी नेता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरीना माचाडो को आमंत्रित किए जाने के बाद तीन लेखकों ने इस महोत्सव से खुद को अलग कर लिया है। इस फैसले ने लैटिन अमेरिका में यह बहस तेज कर दी है कि क्या साहित्यिक मंच वास्तव में राजनीतिक रूप से तटस्थ रह सकते हैं।
बहिष्कार करने वाले लेखकों में दो कोलंबिया से और एक डोमिनिकन रिपब्लिक से हैं। इन लेखकों का कहना है कि माचाडो की मौजूदगी फेस्टिवल के साहित्यिक और बौद्धिक चरित्र को नुकसान पहुंचाती है। उनके अनुसार, हे फेस्टिवल जैसे मंचों को राजनीतिक विवादों से दूर रहना चाहिए और लेखन, विचारों व रचनात्मक संवाद पर फोकस करना चाहिए।
मारिया कोरीना माचाडो को पश्चिमी देशों में लोकतंत्र, मानवाधिकार और तानाशाही के विरोध की मजबूत आवाज के रूप में देखा जाता है। हालांकि, लैटिन अमेरिका के वामपंथी वर्ग में उनकी छवि बेहद विवादास्पद है। आलोचकों का आरोप है कि माचाडो ने अमेरिका की कठोर नीतियों का समर्थन किया है, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ करीबी दिखाई है और क्षेत्र के दक्षिणपंथी नेताओं से गठजोड़ किया है। इसी वजह से कई लोग उन्हें विभाजनकारी नेता मानते हैं।
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लेखकों का तर्क है कि किसी ऐसे राजनीतिक व्यक्तित्व को आमंत्रित करना, जो समाज को गहराई से बांटता हो, साहित्यिक मंच की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है। वहीं, फेस्टिवल के समर्थकों का कहना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत अलग-अलग और विवादास्पद विचारों को सुनना भी जरूरी है।
इस विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लैटिन अमेरिका में राजनीति और संस्कृति के बीच की रेखा धुंधली होती जा रही है, और साहित्यिक मंच भी इस टकराव से अछूते नहीं हैं।
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