सिंगापुर की एक अदालत ने मंगलवार (21 अक्टूबर 2025) को तीन महिलाओं को, जिनमें एक भारतीय मूल की महिला भी शामिल है, राष्ट्रपति भवन (इस्ताना) के आसपास फिलिस्तीन समर्थक रैली आयोजित करने के आरोप से बरी कर दिया। अदालत ने पाया कि इन महिलाओं को यह जानकारी नहीं थी कि यह क्षेत्र सार्वजनिक सभा अधिनियम (Public Order Act) के तहत प्रतिबंधित है।
भारतीय मूल की अन्नामलाई कोकिला पार्वती (37) और दो अन्य सिंगापुरियन महिलाओं पर 2 फरवरी 2024 को फिलिस्तीन के समर्थन में रैली आयोजित करने का आरोप लगाया गया था। यह रैली इस्ताना के चारों ओर निकाली गई थी, जहां से लगभग 70 लोगों का समूह राष्ट्रपति भवन के पिछले गेट तक पहुंचा था, ताकि प्रधानमंत्री कार्यालय को फिलिस्तीन के समर्थन में पत्र सौंपा जा सके। प्रधानमंत्री कार्यालय का डाक ड्रॉप-ऑफ पॉइंट वहीं स्थित है।
अदालत के जिला न्यायाधीश जॉन नग ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असफल रहा कि इन महिलाओं को यह पता होना चाहिए था कि यह मार्ग प्रतिबंधित क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि इस्ताना के बाहर का क्षेत्र एक सार्वजनिक स्थान है और वहां कोई संकेतक नहीं था जो यह दर्शाए कि यह क्षेत्र निषिद्ध है।
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न्यायाधीश ने यह भी उल्लेख किया कि पहले भी कई बार इसी रास्ते से पत्र पहुंचाने की घटनाएं हुई हैं। इसलिए महिलाओं को यह संदेह करने का कोई कारण नहीं था कि वे किसी कानून का उल्लंघन कर रही हैं।
निर्णय के बाद अन्नामलाई पार्वती ने कहा, “यह पूर्ण विजय नहीं है, बल्कि हमारे नागरिक अधिकारों और फिलिस्तीन की स्वतंत्रता के लिए यह लंबी लड़ाई की शुरुआत है।”
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