इज़राइल ने फ़िलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देने की अंतरराष्ट्रीय मांगों पर कड़ा रुख अपनाया है। इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि ऐसा कदम उठाया गया तो यह मध्य-पूर्व क्षेत्र को और अस्थिर कर देगा तथा शांति प्रक्रिया और कठिन हो जाएगी।
सार ने चेतावनी दी कि फ़िलिस्तीन की मान्यता की स्थिति में इज़राइल अपने राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा की रक्षा के लिए ‘एकतरफा कार्रवाई’ करने पर विवश हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम न केवल शांति स्थापित करने की संभावना को कम करेगा बल्कि वार्ता की प्रक्रिया को भी बाधित करेगा।
यह बयान उस समय सामने आया है जब कई यूरोपीय देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन फ़िलिस्तीन को आधिकारिक रूप से राज्य का दर्जा देने की मांग तेज़ कर रहे हैं। इज़राइल का मानना है कि ऐसी मान्यता हमास और अन्य उग्रवादी संगठनों को बल प्रदान करेगी, जिससे क्षेत्र में हिंसा और तनाव और अधिक बढ़ सकते हैं।
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गिदोन सार ने ज़ोर देकर कहा कि शांति का मार्ग केवल प्रत्यक्ष वार्ता और आपसी समझौते से ही संभव है। बाहरी दबाव या एकतरफा कदम इस प्रक्रिया को और जटिल बना देंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इज़राइल की यह प्रतिक्रिया उसके कूटनीतिक और सुरक्षा संबंधी गहरे चिंताओं को उजागर करती है। आने वाले समय में यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय राजनीति और मध्य-पूर्व की स्थिरता के लिए एक बड़ा विवाद बन सकता है।
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