अमेरिका के वरिष्ठ सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक साक्षात्कार में भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देशों को चेतावनी दी है कि यदि वे रियायती रूसी तेल की खरीद जारी रखते हैं, तो उन्हें गंभीर आर्थिक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
Fox News को दिए गए एक इंटरव्यू में ग्राहम ने कहा, "अगर आप सस्ते रूसी तेल की खरीद से इस युद्ध को जारी रखने में मदद कर रहे हैं, तो हम आप पर भारी टैरिफ लगाएंगे।" उन्होंने यह बात यूक्रेन में जारी युद्ध के संदर्भ में कही।
ग्राहम ने आगे कहा, “हम आपकी अर्थव्यवस्था को कुचल देंगे क्योंकि आप जो कर रहे हैं, वह ‘ब्लड मनी’ है।”
उनकी टिप्पणी अमेरिका के उन राजनीतिक वर्गों की भावना को दर्शाती है जो रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाने की वकालत कर रहे हैं, खासकर ऊर्जा क्षेत्र में।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हाल ही में रूस से तेल और गैस खरीदने वाले देशों पर 100% टैरिफ लगाने की बात कही है, यदि अगले 50 दिनों में रूस के साथ कोई शांति समझौता नहीं होता।
व्हाइट हाउस में NATO महासचिव मार्क रूट के साथ साझा बयान में ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना करते हुए कहा, “उन्होंने क्लिंटन, बुश, ओबामा और बाइडेन को बेवकूफ बनाया – लेकिन मुझे नहीं।”
ट्रंप और ग्राहम के नेतृत्व में अमेरिकी कांग्रेस में एक विधेयक पर काम चल रहा है, जो ऐसे देशों पर 500% तक टैरिफ लगाने का प्रावधान करता है जो रूसी ऊर्जा का आयात जारी रखते हैं।
भारत, जो संघर्ष शुरू होने के बाद से रूसी तेल का प्रमुख खरीदार रहा है, ने अपनी स्थिति का बचाव करते हुए कहा है कि यह राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा और किफायती आपूर्ति से जुड़ा मामला है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में बताया कि भारतीय अधिकारियों ने सीनेटर ग्राहम से इस प्रस्तावित कानून के संबंध में बातचीत की है।