लक्षद्वीप द्वीपसमूह में आने वाले समय में सैन्य मौजूदगी में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी, क्योंकि नौसेना और वायु सेना दोनों इस सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी विस्तार योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। दक्षिणी नौसैनिक कमान (SNC) के अनुसार, बिटरा द्वीप पर नया नौसैनिक डिटैचमेंट अगले वर्ष पूरी तरह संचालित हो जाएगा, जिससे इस क्षेत्र में समुद्री निगरानी और सुरक्षा क्षमताएं और मजबूत होंगी।
दक्षिणी नौसैनिक कमान के प्रमुख, वाइस एडमिरल समीयर सक्सेना ने बताया कि नौसेना लक्षद्वीप द्वीपों में अवसंरचना विकास को बढ़ावा देना चाहती है, लेकिन इसके साथ ही द्वीपों की नाज़ुक पारिस्थितिकी संतुलन को संरक्षित रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इसलिए किसी भी विकास कार्य में पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
साथ ही, भारतीय वायु सेना भी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है। वायु सेना अगत्ती में अपनी मौजूदा सुविधाओं का विस्तार कर रही है, जहां लंबी रनवे और बेहतर ऑपरेशनल क्षमता पर काम हो रहा है। इसके अलावा, मिनिकॉय द्वीप पर एक नया एयर बेस भी बनाया जा रहा है, जो दक्षिणी समुद्री क्षेत्र में वायु सेना की पहुंच और प्रतिक्रिया क्षमता को और मजबूत करेगा।
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लक्षद्वीप हिंद महासागर में भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण द्वीपसमूह है। इसकी सामरिक स्थिति न केवल समुद्री व्यापार मार्गों की निगरानी के लिए अहम है बल्कि भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता को बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका निभाती है। नए सैन्य ढांचे के साथ, भारत इस क्षेत्र में अपनी रक्षा तैयारियों को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
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