नेपाल की नई अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने पद संभालने के बाद जनता और प्रदर्शनकारियों से वादा किया है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार समाप्त करने और पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाएगी। छह महीने बाद होने वाले आम चुनावों से पहले कार्की को शांति बहाल करने और लोगों की मांगों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं कार्की ने कहा कि उनका पहला लक्ष्य जनता का भरोसा जीतना और प्रशासन में ईमानदारी सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ऐसे किसी भी भ्रष्टाचार के मामले को नज़रअंदाज़ नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
नेपाल पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक अस्थिरता और व्यापक विरोध प्रदर्शनों से जूझ रहा है। युवाओं और नागरिक समाज संगठनों ने बड़े पैमाने पर आंदोलन करते हुए भ्रष्टाचार समाप्त करने, पारदर्शी शासन और रोज़गार के अवसर बढ़ाने की मांग की है। कार्की ने कहा कि उनकी सरकार इन मुद्दों पर प्राथमिकता से काम करेगी।
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उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें और सरकार को सुधारों को लागू करने का अवसर दें। कार्की ने भरोसा जताया कि सभी राजनीतिक दल और नागरिक संगठन मिलकर देश को एक नए और स्वच्छ राजनीतिक दौर की ओर ले जाएंगे।
विश्लेषकों का मानना है कि कार्की की नियुक्ति नेपाल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में उनकी भूमिका न केवल राजनीतिक सुधारों के लिए बल्कि सामाजिक बदलाव के लिए भी प्रतीक मानी जा रही है।
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