बिहार की राजनीति में नितीश कुमार ने 2005 के बाद अपनी महत्वपूर्ण छवि बनाई है। उनके मुख्यमंत्री बनने के शुरुआती कार्यकाल ने राज्य की दिशा और प्रशासनिक ढांचे को बदलने में निर्णायक भूमिका निभाई। नितीश के लिए यह कार्यकाल किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि उन्हें राज्य में व्यापक भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था की समस्या और RJD के लंबे समय तक शासन के “जंगल राज” के प्रभाव से निपटना था।
नितीश कुमार ने अपने शुरुआती कार्यकाल में कानून व्यवस्था और आधारभूत ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) में सुधार पर विशेष ध्यान दिया। सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गईं। उनके प्रशासन ने यह संदेश दिया कि राज्य में विकास और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
NDA के नेतृत्व में यह धारणा बनाई गई कि नितीश का शासन RJD के लंबे समय तक चले “जंगल राज” को पलटने में सफल रहा। जनता के बीच यह विश्वास कायम हुआ कि राज्य में अब अपराध और अव्यवस्था की तुलना में बेहतर शासन और विकास गतिविधियां दिखाई दे रही हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि नितीश कुमार ने चुनौतीपूर्ण राजनीतिक वातावरण में अपनी योजनाओं और रणनीतियों के माध्यम से बिहार की राजनीति को स्थिरता और विकास की दिशा में ले जाने का काम किया। उन्हें सत्ता संघर्ष, गठबंधन राजनीति और विपक्षी दलों की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा।
बिहार में नितीश कुमार का यह नेतृत्व यह दर्शाता है कि कैसे एक नेता ने प्रशासनिक सुधारों, राजनीतिक रणनीति और जनता के विश्वास के माध्यम से राज्य की राजनीति और विकास को दिशा दी।
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