रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को अपनी वार्षिक साल के अंत की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूक्रेन युद्ध, संभावित शांति वार्ता और नाटो को लेकर कई अहम बातें कहीं। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस रूस के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इसमें पुतिन देश और दुनिया से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर अपना पक्ष रखते हैं। पुतिन ने अपने विचार रूसी भाषा में रखे, जिनका अनुवाद The Indian Witness द्वारा किया गया।
यूक्रेन के साथ संभावित शांति वार्ता पर बात करते हुए पुतिन ने कहा कि फिलहाल उन्हें यूक्रेन की ओर से पूरी तरह तैयार होने के स्पष्ट संकेत नहीं दिख रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कीव शासन की ओर से कुछ संकेत मिले हैं, जिनसे यह झलकता है कि वे किसी न किसी प्रकार के संवाद के लिए तैयार हो सकते हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि शांति वार्ता को लेकर “गेंद पूरी तरह से हमारे पश्चिमी विरोधियों के पाले में है”, विशेष रूप से कीव शासन के नेताओं और उनके यूरोपीय समर्थकों के हाथ में। पुतिन के अनुसार, अगर वास्तव में संघर्ष को समाप्त करना है, तो पश्चिमी देशों को भी अपनी भूमिका और जिम्मेदारी समझनी होगी।
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पुतिन ने दोहराया कि रूस शुरू से ही इस संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त करने के लिए तैयार और इच्छुक रहा है। उन्होंने कहा कि जून 2024 में रूसी विदेश मंत्रालय में दिए गए अपने भाषण में जिन सिद्धांतों को उन्होंने रखा था, उन्हीं के आधार पर शांति संभव है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस संकट के मूल कारणों को संबोधित किए बिना किसी स्थायी समाधान की कल्पना नहीं की जा सकती।
नाटो के संदर्भ में पुतिन ने संकेत दिया कि यूक्रेन संकट की जड़ में पश्चिमी सैन्य गठबंधन का विस्तार और रूस की सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी भी एक बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में शांति चाहिए, तो सभी पक्षों को ईमानदारी से बातचीत की मेज पर आना होगा।
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