पेरू के नए राष्ट्रपति जोस जेरी ने मंगलवार (21 अक्टूबर, 2025) को राजधानी लीमा में आपातकाल घोषित किया। यह कदम देश में हाल के वर्षों में बढ़ती हिंसा, हत्याओं, जबरन वसूली और सार्वजनिक स्थलों पर हमलों को रोकने के प्रयास में उठाया गया है। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच पुलिस ने 1,690 हत्याओं की रिपोर्ट की, जो 2024 की समान अवधि में 1,502 थी।
पूर्व राष्ट्रपति डिना बोलुआर्ते को 10 अक्टूबर 2025 को पेरू की कांग्रेस ने अपराध की बढ़ती लहर को नियंत्रित न कर पाने के कारण पद से हटा दिया था। उनके स्थान पर कांग्रेस के नेता जोस जेरी ने तुरंत राष्ट्रपति पद संभाला।
एक टेलीविज़न संदेश में राष्ट्रपति जेरी ने कहा कि लीमा में आपातकाल 30 दिनों के लिए लागू रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सैनिकों को पुलिस की मदद के लिए तैनात करने और कुछ अधिकारों, जैसे कि सभा और आवाजाही की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। उनके कार्यालय ने बाद में आपातकाल को औपचारिक रूप से घोषित करने का अधिनियम जारी किया।
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राष्ट्रपति जेरी ने अपने संबोधन में कहा, “युद्ध शब्दों से नहीं, बल्कि कार्यों से जीते जाते हैं।” उन्होंने अपराध से निपटने के लिए नई रणनीति अपनाने की बात कही, जिसे उन्होंने “रक्षा से आक्रमण की ओर” बताया। पेरू में युवा जनरेशन ज़ेड की अगुवाई में हिंसा और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन हुए हैं।
16 अक्टूबर 2025 को लीमा में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें एक नागरिक की मौत और लगभग 100 लोग घायल हुए, जिनमें पुलिस और पत्रकार शामिल थे। उस दिन राष्ट्रपति जेरी ने कहा कि वे इस्तीफा नहीं देंगे।
पूर्व राष्ट्रपति डिना बोलुआर्ते ने मार्च में 30 दिनों के लिए आपातकाल घोषित किया था, लेकिन इससे अपराध में कोई खास कमी नहीं आई थी।
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