प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की अपनी ‘उपजाऊ और सार्थक’ यात्रा पूरी करने के बाद स्वदेश वापसी की। वे यहां शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए, जिसमें सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी उपायों और आपसी सहयोग को लेकर व्यापक चर्चा हुई।
सम्मेलन का सबसे अहम बिंदु वह संयुक्त घोषणा रही, जिस पर सभी सदस्य देशों ने हस्ताक्षर किए। इस घोषणा में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई और आतंकवाद के किसी भी रूप को अस्वीकार्य बताया गया। सदस्य देशों ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के संकल्प को दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि SCO जैसे बहुपक्षीय मंच शांति, स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
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चीन के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह यात्रा रचनात्मक और सकारात्मक रही तथा इससे भारत-चीन संबंधों को नई दिशा मिलेगी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा के दौरान भारत ने न केवल SCO मंच पर अपने दृष्टिकोण को मजबूती से रखा बल्कि सदस्य देशों के साथ आतंकवाद-रोधी सहयोग को और प्रभावी बनाने पर सहमति भी जताई।
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