भारत सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से यह सामने आया है कि केवल पांच में से एक शहर ही राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत निर्धारित वायु गुणवत्ता सुधार लक्ष्यों को प्राप्त कर सका है। यानी देश के कुल 131 गैर-परिवर्तनीय शहरों में से सिर्फ 26 शहरों ने ही 2022 तक पीएम10 (कणीय पदार्थ) में 20 से 30% की कटौती का लक्ष्य पूरा किया।
2019 में शुरू किया गया NCAP, भारत के शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य 2024 तक वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाना था। हालांकि, इस कार्यक्रम के बीच में ही कुछ लक्ष्यों को 2026 तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।
पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के कई शहर लक्ष्यों से काफी पीछे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बढ़ते शहरीकरण, निर्माण गतिविधियाँ, और वाहनों से उत्सर्जन प्रमुख बाधाएं बनी हुई हैं।
वहीं जिन शहरों ने लक्ष्य हासिल किया है, उनमें अहमदाबाद, भोपाल, चंडीगढ़ और गंगटोक जैसे शहर शामिल हैं, जिन्होंने सघन निगरानी, स्वच्छ ईंधन का उपयोग और निर्माण स्थलों पर सख्ती से नियम लागू कर सफलता पाई।
सरकार ने यह भी बताया कि आने वाले वर्षों में अधिक शहरों को कवर करते हुए वित्तीय सहायता और तकनीकी संसाधन बढ़ाए जाएंगे, ताकि शेष शहर भी प्रदूषण नियंत्रण के लक्ष्यों को हासिल कर सकें।