अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार रात (17 दिसंबर 2025) व्हाइट हाउस में दिए गए एक संबोधन में घोषणा की कि क्रिसमस से पहले अमेरिकी सैनिकों को 1,776 डॉलर का विशेष बोनस दिया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि यह भुगतान टैरिफ (शुल्क) से प्राप्त राजस्व के जरिए किया जा रहा है और इसे उन्होंने “योद्धा डिविडेंड” करार दिया। उनके अनुसार, करीब 14.5 लाख सैन्यकर्मियों को यह बोनस मिलेगा और “चेक पहले ही भेजे जा चुके हैं।”
हालांकि, यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब अमेरिका के लाखों नागरिक बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। किराना सामान, मकान, बिजली-पानी के बिल और छुट्टियों के उपहारों की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बीते कुछ महीनों में श्रम बाजार भी कमजोर पड़ा है, जिससे आर्थिक असुरक्षा और बढ़ गई है।
व्हाइट हाउस के डिप्लोमैटिक रिसेप्शन रूम में, क्रिसमस ट्री और जॉर्ज वॉशिंगटन की तस्वीर के बीच खड़े होकर ट्रंप ने ऊंची महंगाई के लिए अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति जो बाइडेन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “11 महीने पहले मुझे एक बिगड़ी हुई व्यवस्था विरासत में मिली थी और मैं उसे सुधार रहा हूं।”
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यह भाषण ऐसे समय में आया है जब ट्रंप की लोकप्रियता में गिरावट देखी जा रही है। जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, अधिकांश अमेरिकी उनकी आर्थिक नीतियों से असंतुष्ट हैं, खासकर इसलिए क्योंकि टैरिफ के चलते कीमतें बढ़ीं और रोजगार सृजन की रफ्तार धीमी हुई।
हालांकि ट्रंप ने चार्ट दिखाकर अर्थव्यवस्था के सुधरने का दावा किया—जैसे शेयर बाजार में तेजी, पेट्रोल की कीमतों में गिरावट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में तकनीकी कंपनियों का निवेश—लेकिन जमीनी हकीकत अधिक जटिल है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सालाना 3% की दर से बढ़ रहा है, जबकि बेरोजगारी जनवरी के 4% से बढ़कर 4.6% हो गई है। इन आंकड़ों ने आम जनता का भरोसा कमजोर किया है।
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