तुर्की, जो नाटो का सदस्य है, अपनी वायु सेना क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कतर और ओमान से पुराने यूरोफाइटर टाइफून फाइटर जेट खरीदने की बातचीत कर रहा है। यह जानकारी राष्ट्रपति रेजब तैय्यप एर्दोगन ने शुक्रवार को दी।
तुर्की का उद्देश्य यूरोफाइटर और अन्य उन्नत जेटों की खरीद कर अपनी वायु सेना को अस्थायी रूप से मजबूत करना है, जब तक कि देश का घरेलू रूप से विकसित पांचवीं पीढ़ी का KAAN फाइटर जेट परिचालन में नहीं आ जाता। जुलाई में, तुर्की और यूनाइटेड किंगडम ने यूरोफाइटर टाइफून की बिक्री के लिए प्रारंभिक समझौता किया था। ये जेट यूके, जर्मनी, इटली और स्पेन के संयुक्त कंसोर्टियम द्वारा निर्मित होते हैं।
एर्दोगन ने कहा कि कतर और ओमान के साथ इस तकनीकी रूप से जटिल मामले पर बातचीत सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है। उन्होंने अपने तीन दिवसीय खाड़ी दौरे के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें रक्षा क्षेत्र के समझौते भी शामिल हैं।
और पढ़ें: करूर भगदड़ में हीट स्ट्रेस बना प्रमुख कारण, अध्ययन में खुलासा
तुर्की, नाटो का सदस्य होने के नाते, यूएस-निर्मित F-35 फाइटर जेट प्रोग्राम में पुनः शामिल होने की भी कोशिश कर रहा है। इसे 2019 में रूस निर्मित S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली के अधिग्रहण के बाद कार्यक्रम से हटा दिया गया था। एर्दोगन ने पिछले महीने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की थी।
तुर्की सरकार ने कहा कि KAAN जेट के सेवा में आने तक, वह एक संक्रमणकालीन बेड़े के रूप में कुल 120 जेट खरीदने की योजना बना रही है — 40 यूरोफाइटर, 40 अमेरिकी F-16 और 40 F-35। KAAN जेट को 2028 तक परिचालन में आने की उम्मीद है।
और पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनाव: नेशनल कॉन्फ्रेंस को तीन, भाजपा को एक सीट मिली