संयुक्त राष्ट्र ने स्पष्ट किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के दौरान असफल हुए एसकलेटर और टेलीप्रॉम्प्टर की तकनीकी समस्याओं के लिए उनकी टीम जिम्मेदार थी। इस मुद्दे को लेकर यूएन के एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि तकनीकी खामियों के बावजूद समस्याओं का एक हिस्सा राष्ट्रपति के पक्ष से भी जुड़ा था, क्योंकि व्हाइट हाउस ने स्वयं टेलीप्रॉम्प्टर संचालित किया।
यूएन सूत्र ने कहा कि एसकलेटर अचानक रुक जाने और टेलीप्रॉम्प्टर के काम न करने की घटनाएं भाषण के दौरान दर्शकों और मीडिया के लिए असुविधाजनक रही। तकनीकी समस्याओं ने कार्यक्रम को अस्थायी रूप से प्रभावित किया, और ट्रंप टीम ने इसके लिए तत्काल समाधान खोजने में योगदान दिया।
स्रोत ने यह भी बताया कि यह मामला संवेदनशील था, इसलिए अधिकारी ने अपनी पहचान छुपाई। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संयुक्त राष्ट्र ने केवल तकनीकी पक्ष का निरीक्षण किया और किसी पक्षपात का आरोप नहीं लगाया।
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विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े मंचों पर होने वाली ऐसी तकनीकी असफलताएं आम होती हैं, लेकिन किसी भी अंतरराष्ट्रीय सभा में उनका सार्वजनिक प्रदर्शन और मीडिया कवरेज इसे और अधिक गंभीर बना देता है।
यूएन के अधिकारियों ने जोर दिया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए तकनीकी टीम और आयोजकों के बीच बेहतर तालमेल और परीक्षण की आवश्यकता है। इससे न केवल वक्ताओं की सुविधा सुनिश्चित होगी, बल्कि कार्यक्रम का सामान्य प्रवाह भी बाधित नहीं होगा।
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