अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक और झटका लगा है। अमेरिकी अपील अदालत ने उन्हें फेडरल रिजर्व गवर्नर लिसा कुक को हटाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। अदालत का कहना है कि फेडरल रिजर्व के गवर्नरों की स्वतंत्रता और कार्यकाल की सुरक्षा देश की आर्थिक स्थिरता के लिए अनिवार्य है। इस फैसले के बाद ट्रंप की उस कोशिश पर रोक लग गई है, जिसमें वे केंद्रीय बैंक पर अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहते थे।
लिसा कुक को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नामित किया था और उनकी नियुक्ति को लेकर शुरुआत से ही राजनीतिक मतभेद रहे हैं। ट्रंप और उनके समर्थक लंबे समय से कुक की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। उनका आरोप है कि कुक मौद्रिक नीतियों में बहुत उदार रुख अपनाती हैं।
इसी बीच, अमेरिकी सीनेट ने स्टीफन मिरान को फेडरल रिजर्व बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में शामिल करने की पुष्टि कर दी है। यह पुष्टि बेहद मामूली बहुमत से हुई, जो इस नियुक्ति की राजनीतिक संवेदनशीलता को दर्शाती है। मिरान एक अर्थशास्त्री हैं और उन्हें बाजार-समर्थक दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय फेडरल रिजर्व की भूमिका बेहद अहम है, क्योंकि अमेरिका महंगाई नियंत्रण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन साधने की चुनौती का सामना कर रहा है। ऐसे में गवर्नरों की नियुक्ति और उनकी स्वतंत्रता को लेकर राजनीतिक टकराव और तेज हो सकता है।
अदालत का यह फैसला न केवल ट्रंप की रणनीति के लिए झटका है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि फेडरल रिजर्व को राजनीतिक दबाव से बचाना अमेरिकी आर्थिक नीति की प्राथमिकता है।
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