आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार (29 अक्टूबर, 2025) को दिल्ली सरकार की हालिया क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) पहल पर सवाल उठाए, यह कहते हुए कि “कथित कृत्रिम बारिश” के बावजूद किसी भी क्षेत्र में वर्षा दर्ज नहीं की गई। आप ने इस प्रयोग की व्यवहार्यता पर भी संदेह जताया।
दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से मंगलवार (28 अक्टूबर) को 53 साल बाद क्लाउड सीडिंग परीक्षण किए। यह प्रयोग बुराड़ी, उत्तर करोल बाग और बादली समेत कुछ क्षेत्रों में किया गया था। सरकार ने दावा किया था कि इसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को वैज्ञानिक तरीकों से कम करने के उपाय खोजना है।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि “यह पहल वैज्ञानिक समाधान तलाशने के लिए की गई है ताकि प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिल सके, भले ही मौसम की स्थिति वर्षा के अनुकूल न हो।”
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हालांकि, सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पिछले कुछ दिनों से कहा जा रहा था कि दिल्ली के कई इलाकों में क्लाउड सीडिंग की गई, लेकिन कहीं भी बारिश नहीं हुई।”
उन्होंने संसद में दिए गए पूर्व बयानों का हवाला देते हुए कहा कि तीन केंद्रीय सरकारी संस्थानों ने पहले ही बताया था कि दिल्ली की मौसमीय और रासायनिक परिस्थितियां कृत्रिम वर्षा के लिए उपयुक्त नहीं हैं। भारद्वाज ने सवाल किया, “जब पहले ही कहा जा चुका था कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग संभव नहीं, तो अब इस प्रयोग की क्या ज़रूरत थी?”
उन्होंने इसे “जनता के पैसे पर प्रचार आधारित गतिविधि” बताया। हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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