अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे से जुड़े मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि मिशेल द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों, जिनमें उनकी रिहाई की मांग भी शामिल है, पर पहले ही सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय और वर्तमान अदालत विचार कर चुके हैं।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मिशेल ने जो तर्क पेश किए, वे न तो नए हैं और न ही ऐसे जिन पर पहले विचार नहीं किया गया हो। अदालत ने यह भी कहा कि पहले दिए गए निर्णयों में इन तर्कों को अस्वीकार किया जा चुका है, इसलिए इन्हें दोबारा सुनने का कोई औचित्य नहीं है।
क्रिश्चियन मिशेल, ब्रिटिश नागरिक हैं, जिन्हें दिसंबर 2018 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था। उन पर 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिया बनने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों जांच कर रहे हैं।
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मिशेल ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्हें लंबे समय से न्यायिक हिरासत में रखा गया है और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। हालांकि, अदालत ने माना कि उनकी हिरासत कानूनी प्रक्रिया के तहत है और मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी रिहाई उचित नहीं है।
यह फैसला मिशेल के लिए एक और कानूनी झटका माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले भी उनकी जमानत और रिहाई की कई कोशिशें विफल हो चुकी हैं।
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