महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें वह एक महिला आईपीएस अधिकारी को कथित रूप से फटकारते हुए नजर आ रहे हैं।
यह वीडियो कई क्षेत्रीय समाचार चैनलों पर प्रसारित हुआ है। इसमें अजीत पवार को अंजना कृष्णा, जो वर्तमान में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं, से बातचीत करते हुए सुना गया। यह बातचीत कथित तौर पर एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के एक कार्यकर्ता के फोन से की गई थी।
सूत्रों के अनुसार, अंजना कृष्णा उस समय जिले में चल रहे अवैध मुर्रम मिट्टी की खुदाई (illegal excavation of murrum soil) के खिलाफ कार्रवाई कर रही थीं। इस कार्रवाई से कुछ स्थानीय नेताओं और ठेकेदारों में नाराजगी थी। इसी बीच, अजीत पवार का फोन अधिकारी को पहुंचाया गया और उन्होंने कार्रवाई को लेकर कथित रूप से असहमति जताई।
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वीडियो के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने अजीत पवार पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यदि कोई अधिकारी कानून के अनुसार कार्रवाई कर रही हैं, तो राजनीतिक दबाव डालना प्रशासनिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इससे अवैध खनन माफियाओं को बढ़ावा मिलेगा।
हालांकि, एनसीपी नेताओं का कहना है कि वीडियो को तोड़ा-मरोड़ा गया है और अजीत पवार ने केवल अधिकारी से तथ्यों की जानकारी ली थी। पार्टी का तर्क है कि यह मुद्दा राजनीतिक रंग देकर उछाला जा रहा है।
इस बीच, सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रियाएं बंटी हुई हैं। कुछ लोग अजीत पवार की आलोचना कर रहे हैं, तो कुछ इसे सामान्य बातचीत बता रहे हैं।
यह घटना एक बार फिर से प्रशासन और राजनीति के बीच टकराव को उजागर करती है, खासकर जब मामला अवैध खनन और कानून व्यवस्था से जुड़ा हो।
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