बेंगलुरु पुलिस ने रविवार को अंबेडकर ओक्कुटा संगठन के कई सदस्यों को हिरासत में ले लिया, जो रागीगुड्डा मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे। संगठन का कहना है कि जिस स्थान पर यह मेट्रो स्टेशन बनाया गया है, वह मारेनाहल्ली क्षेत्र में आता है, जबकि रागीगुड्डा का इलाका स्टेशन से लगभग आधा किलोमीटर दूर स्थित है।
अंबेडकर ओक्कुटा के सदस्यों का तर्क है कि स्टेशन का नाम वास्तविक भौगोलिक स्थान के अनुरूप होना चाहिए, ताकि यात्रियों में भ्रम की स्थिति न बने। उनका कहना है कि इस तरह के गलत नामकरण से स्थानीय पहचान और इतिहास को नुकसान पहुंचता है।
पुलिस ने बताया कि संगठन के कार्यकर्ता बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे थे, इसलिए उन्हें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस मामले पर बातचीत और प्रशासनिक स्तर पर समाधान के रास्ते खुले हैं, लेकिन सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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संगठन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार और बेंगलुरु मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (BMRCL) ने जल्द ही नाम बदलने पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
स्थानीय निवासियों के बीच भी इस मुद्दे पर मतभेद हैं—कुछ लोग वर्तमान नाम बनाए रखने के पक्ष में हैं, जबकि कुछ लोग मारेनाहल्ली का नाम दिए जाने का समर्थन कर रहे हैं।
यह विवाद बेंगलुरु में मेट्रो स्टेशनों के नामकरण को लेकर पहले से चल रही चर्चाओं को और तेज कर सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां स्थानीय पहचान को लेकर संवेदनशीलता अधिक है।
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