आंध्र प्रदेश ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन (एपी ट्रांसको) ने ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-III परियोजना का अंतिम प्रस्ताव केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) को सौंप दिया है। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य में अक्षय ऊर्जा संसाधनों को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ना है।
एपी ट्रांसको के संयुक्त प्रबंध निदेशक (जेएमडी) कीर्ति ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत 11 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता और 7,373 मेगावॉट पम्प्ड स्टोरेज हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स को ग्रिड से जोड़ा जाएगा। इसका अनुमानित खर्च ₹28,033 करोड़ है।
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-III से राज्य में ऊर्जा आपूर्ति को स्थिरता और मजबूती मिलेगी। परियोजना के तहत आधुनिक ट्रांसमिशन नेटवर्क तैयार किया जाएगा, जो उच्च क्षमता वाली लाइनों के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को विभिन्न हिस्सों में पहुँचाएगा। कीर्ति ने कहा कि यह परियोजना केंद्रीय सरकार की हरित ऊर्जा संक्रमण नीति के अनुरूप है और इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
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एपी ट्रांसको का मानना है कि इस परियोजना के लागू होने के बाद राज्य निवेश आकर्षित करेगा, उद्योगों को सस्ती और स्वच्छ बिजली उपलब्ध होगी तथा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह कदम आंध्र प्रदेश को देश के प्रमुख ग्रीन एनर्जी हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
सीईए द्वारा अंतिम अनुमोदन मिलने के बाद परियोजना के निर्माण कार्यों की विस्तृत योजना तैयार की जाएगी और चरणबद्ध तरीके से इसे लागू किया जाएगा।
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