स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान श्रीनगर में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला जब दिव्यांग छात्रों ने सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान प्रस्तुत कर सभी को भावुक कर दिया। इस कार्यक्रम में स्थानीय प्रशासन और नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे, जिन्होंने छात्रों के उत्साह और समर्पण की सराहना की।
इसी अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु जल संधि पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस समझौते ने भारत की कृषि को “भारी नुकसान” पहुँचाया है। उन्होंने कहा कि यह संधि आज भी भारत के हितों के प्रतिकूल है और इसे जारी रखना देश के किसानों के साथ अन्याय के समान है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में हाल ही में पहलगाम में हुए हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह घटना यह साबित करती है कि भारत को पुराने समझौतों और शत्रुतापूर्ण गतिविधियों पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि का प्रभाव केवल जल बंटवारे तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने हमारे कृषि उत्पादन और सिंचाई क्षमता पर दीर्घकालिक असर डाला है।
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपनी कृषि, जल संसाधन और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। प्रधानमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि वे आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूत करें और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें।
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