ओडिशा के भद्रक ज़िले में पुलिस ने कम से कम नौ बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों को हिरासत में लिया है। यह कार्रवाई राज्य में “अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या” की पहचान और उन्हें रोकने के व्यापक अभियान के तहत की गई है। पुलिस के अनुसार, इन नौ मजदूरों के पास पश्चिम बंगाल के पते वाला आधार कार्ड और वोटर पहचान पत्र मौजूद है, जिनमें सभी का पता मुर्शिदाबाद ज़िले का है।
भद्रक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने बताया कि यद्यपि उनके पहचान पत्र सही प्रतीत होते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या इन लोगों का किसी बांग्लादेशी समूह या व्यक्ति से संपर्क है, उनके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया है ताकि किसी भी संभावित संदिग्ध नेटवर्क या संपर्क का पता लगाया जा सके।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये सभी मजदूर पिछले कुछ महीनों से भद्रक जिले में किराए के कमरों में रह रहे थे और घूम-घूमकर सामान बेचने का काम करते थे। उनकी गतिविधियों में कोई आपराधिक तत्व नहीं मिला है, लेकिन क्षेत्र में सतर्कता बढ़ने के कारण उनकी पहचान और संपर्कों की विस्तृत जांच की जा रही है।
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ओडिशा पुलिस हाल ही में अवैध प्रवासियों पर निगरानी बढ़ा रही है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूर बड़ी संख्या में रहते हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने के उद्देश्य से नहीं है, बल्कि राज्य में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आवश्यक जांच प्रक्रिया का हिस्सा है।
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