भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्थलों को देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने ‘भारत गौरव ट्रेनों’ की शुरुआत की है। रेल मंत्रालय के अनुसार, ये ट्रेनें विशेष रूप से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही हैं और इन्हें थीम आधारित टूर पैकेज के रूप में संचालित किया जाता है। इन ट्रेनों की यात्री संख्या (ऑक्यूपेंसी) और प्रदर्शन को लेकर संसद में सवाल उठाए गए, जिस पर रेल मंत्री ने स्थिति स्पष्ट की।
रेल मंत्रालय ने बताया कि नवंबर 2021 में घोषित ‘भारत गौरव ट्रेन्स’ नीति के तहत सेवा प्रदाताओं को इन ट्रेनों के संचालन में पूरा लचीलापन दिया गया है। इसका अर्थ यह है कि ऑपरेटर अपनी पसंद के अनुसार यात्रा की थीम, रूट और यात्रा कार्यक्रम तय कर सकते हैं। इसी लचीलेपन के कारण अलग-अलग सर्किटों पर ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी में भिन्नता देखने को मिल रही है।
भारत गौरव पर्यटक ट्रेनों की खासियत यह है कि यात्रियों को केवल ट्रेन यात्रा ही नहीं, बल्कि एक संपूर्ण टूर पैकेज उपलब्ध कराया जाता है। इसमें बसों द्वारा ऑफ-बोर्ड ट्रैवल, होटलों में ठहरने की व्यवस्था, स्थानीय गाइड, भोजन, यात्रा बीमा और अन्य सुविधाएं शामिल होती हैं। रेलवे का कहना है कि इन सुविधाओं के कारण यात्रियों को एक सहज और आरामदायक अनुभव मिलता है।
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रेल मंत्री ने बताया कि कई भारत गौरव ट्रेन सर्किटों को यात्रियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, जबकि कुछ मार्गों पर प्रचार-प्रसार और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। मंत्रालय लगातार ऑक्यूपेंसी के आंकड़ों की समीक्षा कर रहा है और जरूरत के अनुसार सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
सरकार का मानना है कि भारत गौरव ट्रेनें न केवल घरेलू पर्यटन को प्रोत्साहित करेंगी, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाएंगी। आने वाले समय में इन ट्रेनों के माध्यम से और नए पर्यटन सर्किट जोड़े जाने की योजना है।
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