बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होने से एक दिन पहले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने राज्य के मतदाताओं को आश्वासन दिया है कि नामों के शामिल और बहिष्करण से जुड़ी सभी दावों और आपत्तियों का पारदर्शी तरीके से निपटारा किया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपने संदेश में कहा कि सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को बिहार के 38 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा ड्राफ्ट रोल की फिजिकल और डिजिटल कॉपियां उपलब्ध कराई जाएंगी। इस पहल का उद्देश्य राजनीतिक दलों और जनता दोनों को पारदर्शी और सटीक मतदाता सूची तक समान रूप से पहुंच प्रदान करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि किसी वैध मतदाता का नाम गलत तरीके से मतदाता सूची से न हटाया जाए और न ही किसी नए मतदाता को अनुचित रूप से शामिल किया जाए। ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद मतदाता और राजनीतिक दल दोनों को अपने-अपने दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर मिलेगा।
और पढ़ें: भारतीय नौसेना को मिली पहली प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट हिमगिरि
चुनाव आयोग ने कहा कि यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। इसके तहत सभी जिलों में विशेष शिविरों का आयोजन भी किया जाएगा ताकि मतदाता अपने नामों की जांच कर सकें और जरूरत पड़ने पर सुधार करा सकें।
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब बिहार में विपक्षी दलों ने SIR को लेकर कई सवाल उठाए हैं और मतदाता सूची में संभावित गड़बड़ियों की आशंका जताई है।
और पढ़ें: बीड़ हत्या मामले में SIT जांच का आश्वासन: मुख्यमंत्री फडणवीस से पीड़ित परिवार की मुलाकात