कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने क्रिसमस से पहले देश के विभिन्न राज्यों में ईसाइयों पर कथित हमलों में “चिंताजनक” बढ़ोतरी की कड़े शब्दों में निंदा की है। संस्था ने कहा कि इस तरह की घटनाएं भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को गंभीर रूप से कमजोर करती हैं।
मंगलवार (23 दिसंबर, 2025) को जारी एक बयान में सीबीसीआई ने विशेष रूप से मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आए एक वीडियो पर गहरा आघात व्यक्त किया। इस वीडियो में कथित तौर पर एक दृष्टिबाधित महिला, जो क्रिसमस कार्यक्रम में शामिल होने चर्च गई थी, के साथ सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार और शारीरिक उत्पीड़न दिखाया गया है। आरोप है कि यह घटना भाजपा की स्थानीय नेता और शहर उपाध्यक्ष अंजू भार्गव द्वारा की गई।
सीबीसीआई ने कहा कि शांतिपूर्ण कैरोल गायक समूहों और चर्चों में प्रार्थना के लिए एकत्रित लोगों पर हमले बेहद निंदनीय हैं और ये घटनाएं लोगों के बिना डर के जीवन और पूजा करने के मौलिक अधिकार को चोट पहुंचाती हैं। संस्था ने भाजपा से अंजू भार्गव को तत्काल पार्टी से बर्खास्त करने की मांग भी की है।
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बयान में छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे कथित नफरत भरे डिजिटल पोस्टरों पर भी चिंता जताई गई है, जिनमें 24 दिसंबर 2025 को ईसाइयों के खिलाफ बंद का आह्वान किया गया है। सीबीसीआई ने चेतावनी दी कि इस तरह की सामग्री तनाव बढ़ा सकती है और हिंसा को भड़का सकती है।
कैथोलिक बिशप्स संस्था ने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की है कि नफरत और हिंसा फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ तुरंत और प्रभावी कार्रवाई की जाए। साथ ही, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया गया है कि कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और ईसाई समुदायों को सक्रिय सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि देशभर में क्रिसमस का पर्व शांति, सौहार्द और सुरक्षा के माहौल में मनाया जा सके।
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