केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने मंगलवार (18 नवंबर, 2025) को एन्टीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) 2.0 पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAP-AMR 2025–29) का शुभारंभ किया। इस संशोधित योजना का उद्देश्य निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना और संक्रमण नियंत्रण प्रणालियों में सुधार करना है।
एन्टीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है और यह विशेष रूप से शल्य चिकित्सा, कैंसर उपचार और अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य हस्तक्षेपों में गंभीर जोखिम पैदा करता है। AMR के कारण रोगों का इलाज कठिन हो जाता है और संक्रमण का फैलाव तेज़ी से हो सकता है।
इस अवसर पर नड्डा ने कहा कि AMR से निपटना केवल सामूहिक प्रयासों के माध्यम से संभव है। उन्होंने स्वास्थ्य विशेषज्ञों, निजी अस्पतालों, फार्मास्यूटिकल कंपनियों और अन्य हितधारकों को इस कार्य योजना के क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
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संशोधित योजना में विशेष रूप से संक्रमण नियंत्रण के मानकों को सुदृढ़ करने, दवा प्रतिरोध की निगरानी और डेटा संग्रह प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अलावा, AMR जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से चिकित्सकीय पेशेवरों और जनता को इस चुनौती के प्रति सजग करने पर जोर दिया गया है।
केंद्र ने बताया कि इस योजना के तहत स्वास्थ्य ढांचे, दवा विनिर्माण और वितरण प्रणाली में सुधार के जरिए AMR से जुड़ी समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। राष्ट्रीय कार्य योजना का लक्ष्य भारत में AMR के प्रसार को रोकना और रोगियों को सुरक्षित, प्रभावी और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
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