केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार (18 नवंबर, 2025) को टीवी चैनलों को चेतावनी दी कि वे कार बम धमाके से संबंधित संवेदनशील सामग्री, विशेष रूप से ऐसे वीडियो, जिसमें आरोपी हिंसक कृत्यों का समर्थन करते हों, प्रसारित न करें। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे प्रसारण अनजाने में हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं, सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
यह सलाह उसी दिन जारी की गई जब कुछ समाचार चैनलों ने डॉ. उमर-उन्नबी का एक तारीख रहित वीडियो दिखाया। उमर-उन्नबी पर आरोप है कि वह 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए कार धमाके के पीछे था। वीडियो में आरोपी हिंसक कृत्यों को सही ठहराते दिखाई दे रहे थे, जिससे मंत्रालय ने इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए टीवी चैनलों को सतर्क किया।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की सामग्री का प्रसारण न केवल कानून और सार्वजनिक व्यवस्था के लिहाज से जोखिम भरा है, बल्कि इससे समाज में हिंसक प्रवृत्तियों को भी बढ़ावा मिल सकता है। चैनलों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसे वीडियो और टिप्पणियों को प्रसारित करने से बचें और केवल तथ्यात्मक रिपोर्टिंग तक ही सीमित रहें।
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विशेषज्ञों का कहना है कि मीडिया की जिम्मेदारी होती है कि वह संवेदनशील मामलों में संतुलित और सुरक्षित कवरेज प्रदान करे। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में कोई चैनल इस सलाह का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़े कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं।
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