केंद्र सरकार ने सोमवार (27 अक्टूबर 2025) को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में मुख्य सूचना आयुक्त और अन्य सूचना आयुक्तों के रिक्त पद अगले “दो से तीन हफ्तों” में भर दिए जाएंगे। वर्तमान में आयोग में कुल 10 स्वीकृत पदों में से केवल दो सूचना आयुक्त कार्यरत हैं, जबकि मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज ने बताया कि योग्य उम्मीदवारों की सूची प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सरकार के नामित सदस्य की उच्चस्तरीय चयन समिति को भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही नियुक्तियों की घोषणा की जाएगी।
इस बीच, अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने केंद्र की देरी पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “आरटीआई को खत्म करने का सबसे आसान तरीका यही है कि नियुक्तियाँ ही न की जाएं। जब भी की जाती हैं, तो बिना किसी पारदर्शिता के नाम चुन लिए जाते हैं। जनता को यह तक पता नहीं होता कि किसे और क्यों नियुक्त किया जा रहा है।”
और पढ़ें: 2020 दंगों के आरोपियों की जमानत पर देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई
प्रशांत भूषण ने अदालत से अनुरोध किया कि आयोग में नियुक्तियों की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरी की जाए, ताकि सूचना के अधिकार कानून (RTI) की प्रभावशीलता बनी रहे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से नियुक्तियों की समयसीमा पर स्पष्टता मांगी और कहा कि लंबे समय से लंबित रिक्तियां आरटीआई व्यवस्था की कार्यक्षमता को प्रभावित कर रही हैं।
और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल गिरफ्तारी पर जताई चिंता, CBI जांच पर विचार