हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा है कि चीन ने सिद्धांत रूप में शिपकी-ला मार्ग के माध्यम से भारत के साथ व्यापार बहाल करने पर सहमति व्यक्त की है। यह सहमति हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के दौरान बनी। राज्य सरकार ने यह भी बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को शिपकी-ला मार्ग से पुनः शुरू करने को लेकर भी सकारात्मक संकेत मिले हैं।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित शिपकी-ला भारत और चीन के बीच एक ऐतिहासिक व्यापारिक मार्ग रहा है, जिसका उपयोग सीमावर्ती इलाकों के व्यापारी दशकों से करते आ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सीमा पर तनाव के चलते इस मार्ग से व्यापार बाधित हो गया था।
राज्य सरकार का कहना है कि इस निर्णय से न केवल भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को भी आर्थिक लाभ होगा। इसके अलावा, यदि कैलाश मानसरोवर यात्रा को इस मार्ग से पुनः शुरू किया जाता है, तो तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा सुगम और कम समय वाली हो जाएगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच भरोसा बहाल करने और सीमा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक औपचारिकताएँ जल्द पूरी की जाएँ।
इस सहमति के बाद उम्मीद की जा रही है कि शिपकी-ला मार्ग पर व्यापारिक गतिविधियाँ और तीर्थयात्रा दोनों ही जल्द बहाल होंगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
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