नेशनल काउंसिल ऑफ चर्चेज़ इन इंडिया (NCCI) ने शुक्रवार (26 दिसंबर 2025) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्रिसमस के अवसर पर दिल्ली स्थित कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन के दौरे का स्वागत किया। संगठन ने इसे देश में ईसाई समुदाय के लिए एक सकारात्मक और आश्वस्त करने वाला संकेत बताया। इसके साथ ही NCCI ने सरकार से अपील की कि ईसाइयों, उनके पूजा स्थलों और पारंपरिक धार्मिक प्रतीकों पर हो रहे हमलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
NCCI के महासचिव रेव. आसिर एबेनेज़र ने जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री का चर्च जाना ऐसे समय में हुआ है, जब देश के विभिन्न हिस्सों से ईसाई समुदाय पर हमलों की खबरें सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री की उपस्थिति समुदाय को यह संदेश देती है कि सरकार धार्मिक सौहार्द और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है।
रेव. एबेनेज़र ने यह भी कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता और आपसी सह-अस्तित्व में निहित है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा न केवल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है, बल्कि सामाजिक एकता और शांति को भी कमजोर करती है। NCCI ने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
और पढ़ें: ईसाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील: कैथोलिक बिशप्स प्रमुख ने पीएम मोदी और अमित शाह को लिखा संदेश
संगठन ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा अंतर-धार्मिक संवाद और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। NCCI के अनुसार, यदि सरकार जमीनी स्तर पर भी समान रूप से सख्ती दिखाती है, तो इससे देश में सभी धार्मिक समुदायों के बीच विश्वास और सुरक्षा की भावना और मजबूत होगी।
और पढ़ें: ईसाइयों पर हमले पीएम के सौहार्द संदेश के विपरीत, चर्च यात्रा से विरोधाभास झलकता है: गहलोत