भारतीय तट रक्षक (ICG) के महानिदेशक परमेश शिवमणि ने सोमवार को कहा कि भारत के मछुआरों, विशेषकर गुजरात के मछुआरों, का पाकिस्तान द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना एक “गंभीर मामला” है। उन्होंने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए तट रक्षक समुदायिक एकीकरण कार्यक्रमों के माध्यम से मछुआरों को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे अपने जलक्षेत्र में मछली पकड़ें और सुरक्षित रहें, बजाय इसके कि सीमा पार करके गिरफ्तार हो जाएँ।
शिवमणि ने यह बात अहमदाबाद में GIFT सिटी में आयोजित 23वें राष्ट्रीय समुद्री खोज एवं बचाव बोर्ड (NMSAR) की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान मरीन सिक्योरिटी एजेंसी (PMSA) द्वारा हमारे मछुआरों को पकड़ना और जेल भेजना गंभीर समस्या बन गई है।
उन्होंने कहा कि तट रक्षक इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और मछुआरों को प्रशिक्षित कर रहे हैं कि वे सुरक्षित मछली पकड़ने के तरीकों का पालन करें और अपने जलक्षेत्र में ही मछली पकड़ें। शिवमणि ने यह भी कहा कि समुद्री समुदाय के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि मछुआरे सीमा पार न करें और उनके लिए सुरक्षा उपाय उपलब्ध हों।
और पढ़ें: भारतीय तटरक्षक बल ने कर्नाटक और केरल में दो दिवसीय सागर कवच अभ्यास किया पूरा
कोस्ट गार्ड द्वारा यह चेतावनी मछुआरों की सुरक्षा और क्षेत्रीय जल सीमा के उल्लंघन को रोकने के उद्देश्य से जारी की गई है। इससे मछुआरों को पाकिस्तान में जेल जाने जैसी स्थितियों से बचाया जा सकता है और समुद्री व्यापार और सुरक्षा के लिए भी यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
और पढ़ें: श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के 35 मछुआरों को किया गिरफ्तार