कांग्रेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीज़ा के वार्षिक शुल्क को $1,00,000 तक बढ़ाने के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे मोदी सरकार की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और भारतीय टेक उद्योग के लिए एक बड़ी विफलता बताया।
खड़गे ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की नीतियों, जैसे 50% टैरिफ और HIRE एक्ट, भारतीय तकनीकी प्रतिभा के आउटसोर्सिंग को लक्षित कर रही हैं। इन कदमों के कारण भारत के 10 प्रमुख क्षेत्रों में अनुमानित 2.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। उन्होंने इसे मोदी सरकार की “कमज़ोरी” और अमेरिकी दबाव के सामने नीतिगत असफलता का उदाहरण बताया।
कांग्रेस का दावा है कि H-1B वीज़ा शुल्क में इतनी भारी वृद्धि भारतीय आईटी कंपनियों के संचालन और वैश्विक परियोजनाओं पर गंभीर असर डालेगी। इसके अलावा, इससे भारतीय पेशेवरों की अमेरिका में रोजगार की संभावनाओं में भी कमी आएगी।
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खड़गे ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने समय रहते इस मामले में अमेरिका के साथ पर्याप्त संवाद और संरक्षण की कार्रवाई नहीं की। उनका कहना था कि इससे भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति और टेक उद्योग की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
विश्लेषकों का मानना है कि H-1B वीज़ा शुल्क वृद्धि और अमेरिका की अन्य नीतियां भारतीय आईटी कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होंगी। कांग्रेस ने सरकार से तत्काल कदम उठाने और भारतीय तकनीकी पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
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