चेन्नई में पिछले हफ्ते वरिष्ठ आर्किटेक्ट और विरासत संरक्षणकर्ता तारा मुरली के निधन के बाद, मरीना बीच पर स्थित ब्रिटिश युग की ऐतिहासिक इमारत ‘परफेक्ट यूनैनिमिटी’ को बचाने की पुरानी लड़ाई एक बार फिर चर्चा में है। यह इमारत डीजीपी कार्यालय परिसर का हिस्सा है और इसे ध्वस्त करने की योजना ने उस समय विरासत संरक्षणकर्ताओं को एकजुट कर दिया था।
तारा मुरली, जो विरासत संरक्षण की अग्रणी हस्तियों में से एक थीं, ने इस इमारत के महत्व पर जोर देते हुए इसे संरक्षित रखने के लिए कई अभियानों का नेतृत्व किया। ‘परफेक्ट यूनैनिमिटी’ को ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था और यह न केवल औपनिवेशिक स्थापत्य कला का उदाहरण है बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
संरक्षणवादियों का कहना है कि इस तरह की विरासत इमारतें शहर की पहचान और इतिहास का अहम हिस्सा हैं। इसे बचाने के लिए कई सामाजिक संगठनों, आर्किटेक्ट्स और स्थानीय नागरिकों ने आवाज उठाई थी। इस मुहिम के कारण प्रशासन को ध्वस्तीकरण की योजना पर पुनर्विचार करना पड़ा।
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तारा मुरली के निधन के बाद, उनके साथियों और शहर के संरक्षणवादियों ने संकल्प लिया है कि इस इमारत को सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष जारी रहेगा। उनका मानना है कि यह लड़ाई केवल एक इमारत को बचाने की नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की है।
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